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Rivers of Rajasthan–1
राजस्थान की नदियाँ--






Chambal Basin’s Rivers of Rajasthan- 
राजस्थान में चम्बल बेसिन की नदियाँ-
 
1. Chambal River-

The ancient name of this river is ‘Charmawati’. This is also called ‘Kamdhenu’ at some places. River Chambal is a principal tributary of river Yamuna. It originates in the Vindhyan ranges near Mhow in Indore District of Madhya Pradesh. The river flows for some 320 km in a generally northerly direction before entering a deep gorge in Rajasthan at Chourasigarh, about 96 km upstream of Kota. The deep gorge extends up to Kota and the river then flows for about 226 km in Rajasthan in a north-easterly direction, and then forms the boundary between MP and Rajasthan for about 252 km. Thereafter, the river forms the boundary between MP and UP for about 117 km, enters UP near Charak Nagar village and flows for about 40 km before joining river Yamuna. This river forms a famous waterfall ‘Chuliya-Waterfall’ near Bhensrodgadh (Chittorgarh). This is Rajasthan’s only river that flows throughout the year. Gandhisagar, Rana Pratap Sagar, Jawahar Sagar and Kota Barrage dams are made on this river. These dams are the major source of irrigation and power generation.


Tributaries:- Berach and Menali on the right, and Kothari, Khari, Dai, Dheel, Sohadara, Morel and Kalisil on the left.


1. चम्बल नदी-
इसका प्राचीन नाम चर्मावती है। कुछ स्थानों पर इसे कामधेनु भी कहा जाता है। चंबल नदी, यमुना नदी की एक प्रमुख सहायक नदी  है यह मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में महू के पास विंध्य पर्वतमाला में जनापाव की पहाड़ियों से निकलती है यह नदी राजस्थान में प्रवेश करने से पूर्व  उत्तर दिशा में तकरीबन 320 किलोमीटर तक बहती है तथा कोटा की ओर आते हुए लगभग 96 किमी की अपस्ट्रीम बनाती हुई चौरासीगढ़ पर एक गहरी खाई (Deep Gorge) में प्रवेश करती है। यह गहरी खाई कोटा तक फैली है तथा उसके बाद यह नदी राजस्थान में उत्तर पूर्वी दिशा में लगभग 226 किमी के लिए बहती है तत्पश्चात यह मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच 252 किमी की सीमा बनाती है। इसके बाद यह नदी लगभग 117 किमी के लिए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच सीमा बनाती हुई चरक नगर गांव के पास उत्तर प्रदेश में प्रवेश करती है और यमुना नदी में मिलने से पहले लगभग 40 किमी के लिए बहती है इस नदी पर भैंसरोड़गढ़ (चित्तौड़) के पास प्रख्यात चूलिया जलप्रपात है। यह राजस्थान की एकमात्र ऐसी नदी है जो साल भर बहती है। इस नदी पर गांधीसागर, राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज बांध बने हैं। ये बाँध सिंचाई तथा विद्युत ऊर्जा के प्रमुख स्रोत हैं।
सहायक नदियां:- दाएँ तरफ बेडच और मेनाली तथा  और बाईं तरफ कोठारी, खारी, दई, ढील, सहोदरा, मोरेल और कालीसिल।


2. Alnia River-

River Alnia originates in the north-western slopes of Mukindara hills, and flows for about 58 km before joining the Chambal near Notana village in Kota District.
 Catchment Area: 792 km2

2. अल्निया नदी
अल्निया नदी मुकुंदरा की पहाड़ियों के उत्तर पश्चिमी ढलानों में निकलती है, और कोटा जिले में नोटाना गांव के निकट चंबल में शामिल होने से पहले लगभग 58 किमी बहती है
 
जलग्रहण क्षेत्र : 792 km2


3. Kalisindh River-

River Kalisindh originates in the northern slopes of the Vindhya hills near Bagli village of Dewas in MP. It flows in MP and enters Rajasthan near Binda village in Jhalawar District. It flows for about 145 km north in Rajasthan before joining river Chambal near Nonera village in Kota District. The catchment in Rajasthan extends over parts of Jhalawar and Kota Districts.


Tributaries:- Ahu, Amjhar and Parwan
Catchment Area: 7944 km2

3. कालीसिंध नदी-
कालीसिंध मध्यप्रदेश में देवास के निकट बागली गाँव में विंध्य पहाड़ियों के उत्तरी ढलान में निकलती है यह मध्य प्रदेश में बहती है और झालावाड़ जिले में बिंदा गांव के पास राजस्थान में प्रवेश करती है यह कोटा जिले में नोनेरा गांव के निकट नदी चंबल में शामिल होने से पूर्व राजस्थान में उत्तर में लगभग 145 किलोमीटर तक बहती है इसका राजस्थान में जलग्रहण क्षेत्र झालावाड़ और कोटा जिलों के कुछ हिस्सों में है।                           
सहायक नदियां- आहू, अमझार और परवन
जलग्रहण क्षेत्र : 7944 km2


4. Parwan River-
River Parwan is an important interstate river. It originates in the Malwa Plateau and after flowing for about 186 km in MP enters Rajasthan near Kharibor village in Jhalawar District. It joins river Kalisindh near Ramgarh village in Kota District. The Rajasthan portion of the catchment lies in Jhalawar and Kota Districts.


Tributaries:- Ujar, Newaj, Ghar, Chappi and Ghorapachhar 
Catchment Area: 2892 km2

4. परवन नदी-
परवन एक महत्वपूर्ण अंतरराज्यीय नदी है। यह मालवा के पठार से निकलती है और मध्य प्रदेश में लगभग 186 किमी बहने के बाद झालावाड़ जिले में खारिबोर गांव के निकट राजस्थान में प्रवेश करती है। यह कोटा जिले में रामगढ़ गांव के पास कालीसिंध नदी में मिलती है। इसका राजस्थान में जलग्रहण क्षेत्र झालावाड़ और कोटा जिलों में निहित है
सहायक नदियां- उजर, नेवाज, घर, चप्पी और घोड़ापछाड़
जलग्रहण क्षेत्र : 2892 km2


5. Mej River-
River Mej originates east of Mandalgarh Tehsil in Bhilwara District and joins river Chambal near Bhaius Khana village in Kota District. The catchment extends over Bhilwara, Bundi, and Tonk Districts.
Catchment Area: 5860 km2

5. मेज नदी-
मेज भीलवाड़ा जिले में मांडलगढ़ तहसील के पूर्व से निकलती है और कोटा जिले में भैउसखाना गांव के निकट नदी चंबल में मिलती है। इसका राजस्थान में जलग्रहण क्षेत्र भीलवाड़ा, बूंदी, और टोंक जिलों में फैला हु है
जलग्रहण क्षेत्र : 5860 km2


6. Chakan River-
River Chakan is formed by the confluence of many local nallahs. The river flows in a south-easterly direction and joins river Chambal near Karanpura village in Sawai Madhopur District. The catchment is situated in Sawai Madhopur, Tonk, Bundi and Kota Districts.

Catchment Area: 789 km2

6. चाकन नदी-
चाकन नदी कई स्थानीय नालों के संगम द्वारा निर्मित की जाती है। यह नदी दक्षिण पूर्वी दिशा में बहती है और सवाई माधोपुर जिले में कर्णपुरा गांव के निकट नदी चंबल में मिलती है इसका राजस्थान में जलग्रहण क्षेत्र सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा जिले में स्थित है
जलग्रहण क्षेत्र : 789 km2


7. Parwati River-
Parwati river originates in the northern slopes of the Vindhyan hills in MP. It enters Rajasthan near Chatarpura village in Baran District, where it forms the boundary between MP and Rajasthan for about 18 km, then flows for about 83 km in Rajasthan before again forming the boundary between MP and Rajasthan for a length of about 58 km up to Pali village in Kota District, where it joins the Chambal. The river catchment in Rajasthan is situated in Kota and Jhalawar Districts.


Tributaries:- Lhasi, Berni, Bethli, Andheri, Retri, Dubraj, Bilas and Kunu
Catchment Area: 5001 km2

7. पार्वती नदी-
पार्वती नदी मध्य प्रदेश में विंध्य पहाड़ियों के उत्तरी ढलान में निकलती है यह बारां जिले में चतरपुरा गांव के निकट राजस्थान में प्रवेश करती है जहाँ यह मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच लगभग 18 किमी की सीमा बनाती है। इसके पश्चात् यह राजस्थान में लगभग 83 किमी की दूरी तक बहती है। मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच लगभग 58 किलोमीटर लंबाई की सीमा बनाने के बाद कोटा जिले में पाली गांव में पहुँचती है जहाँ यह यह चंबल में मिल जाती है राजस्थान में इस नदी का जलग्रहण कोटा और झालावाड़ जिले में है
सहायक नदियां- ल्हासी, बेरनी, बेठली, अंधेरी, रेतरी, दुबराज, बिलास और कुनु।
जलग्रहण क्षेत्र : 5001 km2


8. Kunu River-
River Kunu originates north of Guna town in MP. It flow for 48 km in MP before entering Rajasthan near Museri village in Baran District. The river enters again MP and flows north for about 24 km before again re-entering Rajasthan near Gordhanpura village in Kota District and joins Chambal river. The catchment in Rajasthan lies in Baran District.



Tributaries:- Karal and Rempi
Catchment Area: 726 km2

8. कुनु नदी-
कुनु नदी मध्यप्रदेश में गुना शहर के उत्तर में निकलती है यह राजस्थान में बारां जिले में मुसेरी गांव के निकट प्रवेश करने से पहले मध्यप्रदेश में 48 किलोमीटर तक बहती है। इसके बाद यह नदी पुनः मध्यप्रदेश में प्रवेश करती है और 24 किमी उत्तर की ओर बहती है। इसके बाद यह कोटा जिले के गोरधनपुरा गांव के निकट फिर से राजस्थान में प्रवेश करती है और चंबल नदी में मिल जाती हैराजस्थान में इसका जलग्रहण क्षेत्र बारां जिले में है
सहायक नदियां:- कराल और रेम्पी
जलग्रहण क्षेत्र : 726 km2

Mahi Basin’s Rivers of Rajasthan–




1. River Mahi-

River Mahi originates in the northern slope of the Vindhyachal ranges near village Bhopawar, Sardarpur tehsil in Dhar district of Madhya Pradesh at an elevation of +500 m. It flows southwards for about 120 km in MP before entering Banswara District of Rajasthan. The river makes a 'U' shaped loop in Rajasthan before entering Gujarat and finally discharges into the Gulf of Cambay. This river is also called as ‘Golden line of south Rajasthan’ and ‘Ganga of Wagad and Kanthal region’. This river crosses 2 times the tropic of cancer.


 Tributaries:  Eru, Nori, Chap, Som, Jakham, Moran, Anas and Bhadar.
 Catchment Area: 16,985 km2


1. माही नदी-
माही नदी मध्यप्रदेश के धार जिले के भोपावर गाँव के निकट +500 मीटर की ऊंचाई से विन्ध्याचल पर्वतमाला के उत्तरी ढलान से निकलती है। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में प्रवेश करने से पहले यह मध्यप्रदेश में दक्षिण की ओर लगभग 120 किमी के लिए बहती है। यह नदी गुजरात में प्रवेश करने से पहले राजस्थान में एक 'यू' आकार  का पाश (लूप) बनाती है और अंत में यह गुजरात में खंभात की खाड़ी में गिरती है। इस नदी को दक्षिणी राजस्थान की स्वर्ण रेखा तथा वागड व कान्ठल की गंगा भी कहा जाता है। यह कर्क रेखा को दो बार पार करती है
सहायक नदियां- इरू, नोरी, चाप, सोम, जाखम, मोरन, अनास और भादर
जलग्रहण क्षेत्र: 16,985 km2
 

2. River Som-

River Som originates in the hills near the village Som in Kherwara Tehsil of Udaipur District. It flows southeast through a hilly region and joins river Mahi near the village Baneshwar. The entire catchment lies in Udaipur and Dungarpur Districts


Tributaries: Tidi, Gomti and Jakham
 Catchment Area:  6,443 km2


2. सोम नदी-  
सोम नदी उदयपुर जिले के खेरवाड़ा के तहसील में सोम गांव के निकट पहाड़ियों से निकलती है। यह दक्षिणपूर्व में एक पहाड़ी क्षेत्र में बहती है और डूंगरपुर  जिले के बेणेश्वर के निकट (पादरडीबड़ी के निकट) यह माही नदी में मिलती है। इसका संपूर्ण जलग्रहण क्षेत्र उदयपुर और डूंगरपुर जिलों में है
सहायक नदियां- टीडी, गोमती और जाखम
जलग्रहण क्षेत्र: 6,443 km2
 
3. River Jakham-

River Jakham originates southwest of the hills near Chotti Sadari in Chittorrgarh District. It flows through the hilly region of Udaipur District in a south-western direction and joins river Som near Ranglei. The Sub-Basin is situated in Chittorgarh and Udaipur Districts.


Tributaries:  Karmai and Sukli
Catchment Area: 2,318 km2

3. जाखम नदी-
जाखम नदी प्रतापगढ़ जिले के छोटी सादड़ी के पास दक्षिण पश्चिम पहाड़ियों से निकलती है। यह नदी प्रतापगढ़ व उदयपुर जिले के पहाड़ी क्षेत्र के माध्यम से दक्षिण-पश्चिमी दिशा में बहती है और रंगलेई (बेणेश्वर के पास) के निकट सोम नदी में मिल जाती है। इसका उपबेसिन प्रतापगढ़ एवं उदयपुर जिले में स्थित है।
सहायक नदियां: करमाई और सुकली
जलग्रहण क्षेत्र:  2,318 km2


4. River Moran-
River Moran originates in the southern hills of Dungarpur town. It flows through Dungarpur District and joins Mahi river near Galiakot village. The total catchment of river lies in Dungarpur District.

Tributaries: Karmai and Sukli m

Catchment Area:  735 km2


4. मोरन नदी-
मोरन नदी डूंगरपुर शहर के दक्षिणी पहाड़ियों में निकलती है। यह डूंगरपुर जिले में ही बहती है और इसी जिले के गलियाकोट गांव के निकट माही नदी में मिल जाती है। इस नदी की पूरा जलग्रहण केवल डूंगरपुर जिले में ही निहित है।
सहायक नदियां: करमाई और सुकली एम
जलग्रहण क्षेत्र: 735 km2


5. River Anas-
River Anas originates in  the northern slopes of the Vindhyan ranges, near Amber village  in MP. It flows in a north-western direction, enters Rajasthan near Meledikhera village and joins Mahi river about 15 km downstream of Galiakot village. The Sub-Basin in Rajasthan is situated in Banswara District.

Tributaries: Hiran
Catchment Area: 1,441 km2



5. अनास नदी-
अनास नदी मध्यप्रदेश के अम्बर गांव के निकट विन्ध्याचल पर्वतमाला के उत्तरी ढलान से निकलती है यह उत्तर-पश्चिमी दिशा में बहती हुई  मेलड़ीखेड़ा  गांव के पास राजस्थान में प्रवेश करती है और यह गलियाकोट गांव के पास माही नदी में मिल जाती है। इसका राजस्थान में उपबेसिन बांसवाड़ा जिले में स्थित है।
सहायक नदियां: हिरण  या हरण
जलग्रहण क्षेत्र: 1,441 km2


6. Bhadar-

The river Bhadar, originating in the hills south of Kanguwa village in Dungarpur District, flows from north to south and enters Gujarat near Kokhakra village in Dungarpur District, where it joins the Mahi near Karanta village  in Gujarat. The catchment is situated in Dungarpur District.

 Catchment Area: 6,047 km2


6. भादर नदी-
भादर का उद्भव डूंगरपुर जिले में कानगुवा गांव के दक्षिण में पहाड़ियों से होता है। यह उत्तर से दक्षिण में बहती है और डूंगरपुर जिले के कोखाकरा  गांव के पास गुजरात में प्रवेश करती है, जहां यह गुजरात के करंटा गांव के निकट माही में मिलती है। इसका जलग्रहण क्षेत्र केवल डूंगरपुर जिले में स्थित है।
जलग्रहण क्षेत्र: 6,047 km2

  Banas Basin’s Rivers of Rajasthan

1. River Banas-
The Banas River originates in the Khamnor hills of the Aravali range (near to Machind in Nathdwara tahsil), which is also near to Kumbhalgarh. Bagheri ka naka dam is constructed near its origin. An another dam Nandsamand is made near Nathdwara. This river flows along its entire length through Rajasthan. Banas is a major tributary of the Chambal River, the two rivers meeting near village Rameshwar in Khandar Block in Sawai Madhopur District. The total length of the river about 512 km. The Banas River itself has many big tributaries. The Banas’s total Catchment Area is 45,833 sqkm while the total Catchment Area of Chambal in Rajasthan is 65,264 sq km. This shows that Chambal is biggest river of Rajasthan in Catchment Area.


Catchment Area: 45,833 km2
Tributaries: Berach and Menali on the right, and Kothari, Khari, Dai, Dheel, Sohadara, Morel and Kalisil on the left.
1. बनास नदी-
बनास नदी का उद्भव राजसमन्द जिले के अरावली की खमनोर पहाड़ियों (तहसील- नाथद्वारा के मचीन्द के पास स्थित) से होता है, जो कुम्भलगढ़ के भी पास में स्थित है इसके उद्गम स्थल के पास बाघेरी का नाका बांध बना है इसके आगे इस नदी पर नाथद्वारा के पास नंदसमंद बांध बना है यह नदी अपनी पूरी लम्बाई में राजस्थान में ही बहती है बनास नदी चम्बल की प्रमुख सहायक नदी है बनास सवाई माधोपुर जिले के खंडार ब्लॉक के रामेश्वर गाँव के पास के चम्बल में मिलती है बनास नदी की कुल लम्बाई लगभग 512 किमी है तथा इसका जलग्रहण क्षेत्र 45,833 वर्ग किमी है चम्बल का राजस्थान में कुल जलग्रहण क्षेत्र 65,264 वर्ग किमी है, जबकि  बनास का जलग्रहण क्षेत्र 45,833 वर्ग किमी है। इस प्रकार चम्बल नदी जलग्रहण क्षेत्र के आधार पर राजस्थान की सबसे बड़ी नदी है। बनास नदी की स्वयं की कई सहायक नदियाँ है।
जलग्रहण क्षेत्र- 45,833 वर्ग किमी
सहायक नदियां- दायीं तरफ बेड़च मनाली तथा बायीं ओर कोठारी, खारी, दई, ढील, सहोदरा, मोरेल कालीसिल
2. River Berach-
River Berach originates in the hills northeast of Udaipur city. It flows northeast for about 157 km in Udaipur, Chittorgarh and Bhilwara Districts before joining the Banas near Bigod village in Mandalgarh Tehsil of Bhilwara District. It flows in a hilly region up to Badgaon reservoir and then through plains.
Catchment Area: 7,502 km2
Tributaries: Ayar, Wagli Wagon, Gambhiri and Orai, joining from the right.

2. बेड़च नदी-
बेड़च नदी उदयपुर से उत्तर-पूर्व की पहाड़ियों से निकलती है। यह भीलवाड़ा जिले की मांडलगढ़ तहसील के बिगोद गाँव में बनास नदी से मिलती है। बनास नदी से मिलने से पूर्व यह उदयपुर, भीलवाड़ा तथा चित्तौडगढ़ जिलों में लगभग 157 किमी बहती है। यह बड़गांव बांध तक पहाड़ी क्षेत्र में बहती है तथा इसके बाद में मैदानी भाग में प्रवाहित होती है।
जलग्रहण क्षेत्र- 7,502 वर्ग किमी
सहायक नदियां- आयड़, वागली वेगन, गंभीरी तथा ओरई दायीं ओर से जुड़ती है

3. River Kothari-
River Kothari originates in the eastern slopes of the Aravali range near Horera village in Bhilwara District. The river flows through Rajsamand and Bhilwara Districts for about 51 km in a hilly region, and 100 km through plains, before joining the Banas near Nandrai village in Bhilwara District
Catchment Area: 2,341 km2
Tributaries: Bahamani


4. कोठारी नदी-
यह नदी भीलवाड़ा जिले के होरेरा गाँव के निकट अरावली पर्वतमाला के पूर्वी ढलान से निकलती है भीलवाड़ा जिले के नन्दराय गाँव में बनास से मिलने से पूर्व यह राजसमन्द एवं भीलवाड़ा जिले के पहाड़ी क्षेत्र में लगभग 51 किमी तथा लगभग 100 किमी मैदानी भाग से बहती है
जलग्रहण क्षेत्र- 2,341 वर्ग किमी
सहायक नदियाँ- बामणी
5. River Khari
River Khari originates in the hills near Deogarh in Rajsamand District. It flows northeast for about 192 km through Rajsamand, Bhilwara and Ajmer Districts before joining the Banas river near Chosala village in Ajmer District.

Catchment Area: 6,268 km2
Tributaries: Nekhadi and Bara rivers on the left and Mansi river on the right


5. खारी नदी-
यह नदी राजसमन्द जिले के देवगढ़ के निकट पर्वतों से निकलती हैअजमेर जिले के चोसला गाँव के पास बनास से मिलने से पूर्व यह उत्तर-पूर्व में लगभग 192 किमी तक राजसमन्द, भीलवाड़ा एवं अजमेर जिलों में प्रवाहित होती है।
जलग्रहण क्षेत्र - 6,268 वर्ग किमी
सहायक नदियाँ- बायीं ओर नेख्ड़ी एवं बड़ा नदी तथा दायीं ओर मानसी नदी
6. River Dai-
River Dai originates in the southeastern slopes of the Aravali range, near Nasirabad of Ajmer District. It flows southeast for about 40 km and east for about 56 km in Ajmer District and for a short reach through Tonk District, before joining Banas river near Bisalpur village in Tonk District.

Catchment Area: 3,015 km2
6. दई नदी-
दई नदी अजमेर जिले के नसीराबाद के निकट अरावली पर्वतमाला के दक्षिण-पूर्वी ढलान से निकलती हैटौंक जिले के बीसलपुर गाँव के पास बनास से मिलने से पहले यह अजमेर जिले में दक्षिण-पूर्व में लगभग 40 किमी व पूर्व दिशा में लगभग 56 किमी तक तथा कुछ दूरी तक टौंक जिले में प्रवाहित होती है।
जलग्रहण क्षेत्र : 3,015 वर्ग किमी

7. River Mashi-
River Mashi originates in the hills near Kishangarh in Ajmer District. It flows east and then south for about 96 km in partly hilly and partly plain areas of Ajmer and Tonk Districts before joining Banas river near Tonk.

Catchment Area: 6,335 km2
Tributaries: Bandi (near Dudu) and Sohadara

7. माशी नदी-
माशी नदी अजमेर जिले के किशनगढ़ के निकट के पर्वतों से निकलती हैटौंक के पास बनास से मिलने से पहले यह आरम्भ में पूर्व दिशा में, फिर दक्षिण दिशा में आंशिक रूप से पहाड़ी तथा आंशिक रूप से मैदानी क्षेत्रों में लगभग 96 किमी तक अजमेर व टौंक जिलों में बहती है।
जलग्रहण क्षेत्र :- 6,335 वर्ग किमी
सहायक नदियाँ :- दुदू के पास बांडी एवं सहोदरा।
8. River Sohadara-
River Sohadara originates in the hills East of Ajmer. It flows eastwards for about 100 km in Tonk District before joining Mashi river near Dhundia village.
Catchment Area: 1,652 km2


8. सहोदरा नदी-
सहोदरा नदी का उद्गम अजमेर की पूर्वी पहाड़ियों होता है। टौंक जिले के ढूंडिया गाँव के पास माशी नदी में मिलने से पहले यह पूर्व की ओर लगभग 100 किमी तक प्रवाहित होती है
जलग्रहण क्षेत्र :- 1,652 वर्ग किमी
9. River Morel-
River Morel originates in the hills near Dharla and Chainpura villages in Bassi Tehsil of Jaipur District. It flows southeast for 29 km, then southwest for 35 km, up to the confluence with river Dhund, and then southeast for 83 km, before joining Banas river near Hadoli village of Hindaun tehsil in Karauli District.
Catchment Area: 5,491 km2
Tributaries: Dhund, Kankrauli and Kalisil rivers

9. मोरेल नदी-
मोरेल नदी का निर्माण जयपुर जिले की बस्सी तहसील के धारला चैनपुरा गाँव के निकट के पर्वतों से होता है मोरेल नदी, इसमें धुंद नदी के मिलने से पहले दक्षिणपूर्व में 29 किमी के लिए, बाद में दक्षिण पश्चिम में 35 किमी तक प्रवाहित होती है। इसके बाद करौली जिले की हिंडौन तहसील के हाड़ोली गाँव के पास बनास नदी में मिलने से पूर्व यह दक्षिणपूर्व में ही 83 किमी तक प्रवाहित होती है। 
जलग्रहण क्षेत्र :- 5,491 वर्ग किमी
सहायक नदियाँ- धुंद, कांकरौली, कालीसिल

10. River Kalisil-
River Kalisil originates in the hills near Rajpura village in Sawai Madhopur District. The river flows generally southwest, partly through hills and partly in the plains of Sawai Madhopur District, for about 48 km, before joining Morel river.
Catchment Area: 673 km2
Tributaries: Only small nallahs join the river

10. कालीसिल नदी-
कालीसिल नदी सवाई माधोपुर जिले के राजपुरा गाँव के निकट पहाड़ियों से निकलती है। मोरेल नदी से मिलने से पहले तक यह नदी सामान्यतः सवाई माधोपुर जिले में दक्षिण-पश्चिम में अंशतः पहाड़ियों में तथा अंशतः मैदानी भाग में 48 किमी लम्बाई में प्रवाहित होती है।
जलग्रहण क्षेत्र - 673 वर्ग किमी
सहायक नदियाँ- केवल छोटे नाले ही इसमें मिलते है।

11. River Dheel-
River Dheel originates in the plains near Bauli village in Tonk District. The river flows generally from north to south in Jaipur, Tonk and Sawai Madhopur Districts, for about 64 km, before joining Banas river near Philpura village in Sawai Madhopur District.
Catchment Area: 890 km2
Tributaries: Gudia

11. ढील नदी-
ढी नदी टौंक जिले के बौली गाँव के मैदान से निकलती है। सवाई माधोपुर जिले के फिलपुरा गाँव में बनास में मिलने से पहले तक यह नदी सामान्यतः जयपुर, टौंक तथा सवाई माधोपुर जिलों में उत्तर से दक्षिण की ओर लगभग 64 किमी लम्बाई में प्रवाहित होती है।
जलग्रहण क्षेत्र - 890 वर्ग किमी
सहायक नदियाँ- गुडिया

Banganaga Basin’s Rivers of Rajasthan
राजस्थान के बाणगंगा बेसिन की नदियाँ-

1. Banganga River-

River Banganga originates in the Aravali hills, near Arnasar and Bairath in Jaipur District. It flows towards the south up to the village of Ghat, then east through partly hilly and partly plain terrain.

Length: 240 kms.

 

1. बाणगंगा नदी-

बाणगंगा नदी जयपुर जिले के अर्नासर और बैराठ की अरावली पहाड़ियों से निकलती है। यह घाट गाँव तक दक्षिण की तरफ बहती है, इसके बाद ये अंशतः पहाड़ी तथा अंशतः मैदानी इलाके से पूर्व की ओर प्रवाहित होती है

लम्बाई- 240 किमी

सहायक नदियाँ- गुमटी नाला, सुरी नदी, संवान तथा पलासन नदी।

2. Gumti Nalla-

Gumti Nalla originates in the hills near Bhaimpura village in Jaipur District, flows for 24 km in a north-easterly direction and joins the main river near the village of Talo. 

Catchment Area: 102 km2

 

2.गुमटी नल्ला-


गुमटी नल्ला का उद्भव जयपुर जिले में भीमपुरा गांव के निकट पहाड़ियों में होता है तथा उत्तर पूर्वी दिशा में 24 किमी के लिए बहती है और तालो गांव के निकट मुख्य नदी में मिलती है।

जल-ग्रहण क्षेत्र:- 102 km2

3. Suri River-

Suri River originates in the hills near Kanst village in Dausa District, flows north for 18 km and then northeast for 10 km before joining the main river near the village of Kailai.

Catchment Area: 76 km2

 

3. सूरी नदी -

सूरी नदी का उद्भव दौसा जिले में कांस्ट गांव के निकट होता है तथा कैलाई गांव के निकट मुख्य नदी में मिलने से पूर्व यह उत्तर दिशा में 18 किमी, फिर उत्तर पूर्व में 10 किमी तक बहती है।

जल-ग्रहण क्षेत्र:- 76 km2

4. Sanwan River-

Sanwan River originates in the hills near Angri village in Alwar District, flows 29 km southwards, up to Sirsa Devi Bund, then 66 km eastwards before joining the main river near the village of Juthiara.

Catchment Area: 660 km2

 

4. संवान नदी-

संवान नदी का उद्भव अलवर जिले में अंगरी गांव में होता है तथा जुथिअरा गांव के निकट मुख्य नदी में मिलने से पूर्व यह सिरसा देवी बंद तक दक्षिण में 29 किमी, फिर पूर्व दिशा में 66 किमी तक बहती है।

जल-ग्रहण क्षेत्र:- 660 km2

5. Palasan River-

Palasan River originates in the hills near Rajpura village in Alwar District and joins the main river near the village of Indiana, after flowing in a south-easterly direction for 24 km and in an easterly direction for 24 km.

Catchment Area: 539 km2

 

5. पलसान नदी-

पलसान नदी का उद्भव अलवर जिले में राजपुरा गांव में होता है तथा दक्षिण-पूर्व दिशा में 24 किमी और फिर पूर्व दिशा में 24 किमी बहने के पश्चात यह मुख्य नदी में मिल जाती है।

जल-ग्रहण क्षेत्र:- 539 km2




(Source-Water Resources Department, Govt. of Rajasthan and WRIS India)





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Baba Mohan Ram Mandir, Bhiwadi - बाबा मोहनराम मंदिर, भिवाड़ी साढ़े तीन सौ साल से आस्था का केंद्र हैं बाबा मोहनराम बाबा मोहनराम की तपोभूमि जिला अलवर में भिवाड़ी से 2 किलोमीटर दूर मिलकपुर गुर्जर गांव में है। बाबा मोहनराम का मंदिर गांव मिलकपुर के ''काली खोली''  में स्थित है। काली खोली वह जगह है जहां बाबा मोहन राम रहते हैं। मंदिर साल भर के दौरान, यात्रा के दौरान खुला रहता है। य ह पहाड़ी के शीर्ष पर स्थित है और 4-5 किमी की दूरी से देखा जा सकता है। खोली में बाबा मोहन राम के दर्शन के लिए आने वाली यात्रियों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा “अखण्ड ज्योति” जलती रहती है । मुख्य मेला साल में दो बार होली और रक्षाबंधन की दूज को भरता है। धूलंड़ी दोज के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु बाबा मोहन राम जी की ज्योत के दर्शन करने पहुंचते हैं। मेले में कई लोग मिलकपुर मंदिर से दंडौती लगाते हुए काली खोल मंदिर जाते हैं। श्रद्धालु मंदिर परिसर में स्थित एक पेड़ पर कलावा बांधकर मनौती मांगते हैं। इसके अलावा हर माह की दूज पर भी यह मेला भरता है, जिसमें बाबा की ज्योत के दर्शन करन

राजस्थान का प्रसिद्ध हुरडा सम्मेलन - 17 जुलाई 1734

हुरडा सम्मेलन कब आयोजित हुआ था- मराठा शक्ति पर अंकुश लगाने तथा राजपूताना पर मराठों के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए जयपुर के सवाई जयसिंह के प्रयासों से 17 जुलाई 1734 ई. को हुरडा (भीलवाडा) नामक स्थान पर राजपूताना के शासकों का एक सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसे इतिहास में हुरडा सम्मेलन के नाम  जाता है।   हुरडा सम्मेलन जयपुर के सवाई जयसिंह , बीकानेर के जोरावर सिंह , कोटा के दुर्जनसाल , जोधपुर के अभयसिंह , नागौर के बख्तसिंह, बूंदी के दलेलसिंह , करौली के गोपालदास , किशनगढ के राजसिंह के अलावा के अतिरिक्त मध्य भारत के राज्यों रतलाम, शिवपुरी, इडर, गौड़ एवं अन्य राजपूत राजाओं ने भाग लिया था।   हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी- हुरडा सम्मेलन की अध्यक्षता मेवाड महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने की।     हुरडा सम्मेलन में एक प्रतिज्ञापत्र (अहदनामा) तैयार किया गया, जिसके अनुसार सभी शासक एकता बनाये रखेंगे। एक का अपमान सभी का अपमान समझा जायेगा , कोई राज्य, दूसरे राज्य के विद्रोही को अपने राज्य में शरण नही देगा ।   वर्षा ऋतु के बाद मराठों के विरूद्ध क

Civilization of Kalibanga- कालीबंगा की सभ्यता-
History of Rajasthan

कालीबंगा टीला कालीबंगा राजस्थान के हनुमानगढ़ ज़िले में घग्घर नदी ( प्राचीन सरस्वती नदी ) के बाएं शुष्क तट पर स्थित है। कालीबंगा की सभ्यता विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है। इस सभ्यता का काल 3000 ई . पू . माना जाता है , किन्तु कालांतर में प्राकृतिक विषमताओं एवं विक्षोभों के कारण ये सभ्यता नष्ट हो गई । 1953 ई . में कालीबंगा की खोज का पुरातत्वविद् श्री ए . घोष ( अमलानंद घोष ) को जाता है । इस स्थान का उत्खनन कार्य सन् 19 61 से 1969 के मध्य ' श्री बी . बी . लाल ' , ' श्री बी . के . थापर ' , ' श्री डी . खरे ', के . एम . श्रीवास्तव एवं ' श्री एस . पी . श्रीवास्तव ' के निर्देशन में सम्पादित हुआ था । कालीबंगा की खुदाई में प्राक् हड़प्पा एवं हड़प्पाकालीन संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इस उत्खनन से कालीबंगा ' आमरी , हड़प्पा व कोट दिजी ' ( सभी पाकिस्तान में ) के पश्चात हड़प्पा काल की सभ्यता का चतुर्थ स्थल बन गया। 1983 में काली